मतदान पदाधिकारियों को पार्टी वाईज प्रशिक्षण वरीय उपसमाहर्ता सह जिला प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी स्नेहा कुमारी के निर्देशन में संत कबीर महाविद्यालय में कराया गया
लोक सभा क्षेत्र समस्तीपुर एवं उजियारपुर के कल्याणपुर तथा वारिसनगर विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर सफलतापूर्वक मतदान कराने हेतु प्रतिनियुक्त सभी मतदान पदाधिकारियों को पार्टी वाईज प्रशिक्षण वरीय उपसमाहर्ता सह जिला प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी स्नेहा कुमारी के निर्देशन में संत कबीर महाविद्यालय में कराया गया।
प्रथम पाली में कल्याणपुर विधानसभा के कुल 341 मतदान केन्द्रों पर प्रतिनियुक्त 1504 मतदान पदाधिकारियों तथा द्वितीय पाली में वारिसनगर विधानसभा के 329 मतदान केन्द्रों पर प्रतिनियुक्त 1448 मतदान पदाधिकारियों का प्रशिक्षण विभिन्न प्रशिक्षण कक्षों में कराया गया।
प्रशिक्षण में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरों के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मतदान पदाधिकारियों को उनके कर्तव्यों एवं कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पीठासीन पदाधिकारी के रूप में आपके मतदान केन्द्र पर निर्वाचन संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका है। पीठासीन पदाधिकारियों को वास्तविक मतदान के दिन उनके प्रभाराधीन मतदान केन्द्र के कार्यवाही को नियंत्रित करने हेतु सम्पूर्ण शक्तियां प्राप्त होती है। किसी मतदान केन्द्र पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करना उस मतदान केन्द्र पर प्रतिनियुक्त सभी मतदान पदाधिकारियों का प्रमुख कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व है। साथ ही मतदान केन्द्र में घटित होने वाली समस्त गतिविधियों के प्रति सभी मतदान पदाधिकारी पूर्ण रूप से उत्तरदायी होते है।
प्रथम मतदान पदाधिकारी मतदान केन्द्र पर निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा। साथ ही वह ईपीक या भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 12 वैकल्पिक दस्तावेज के आधार पर मतदाता की पहचान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
प्रथम मतदान पदाधिकारी के द्वारा मतदाता की पहचान सुनिश्चित हो जाने के बाद सभी मतदाताओं के मामले में उनके नाम के बॉक्स को लाल स्याही से कोण से कोण रेखा खींचकर काट देंगे । यदि मतदाता महिला हो तो उस स्थिति में उनके क्रम संख्या को गोल घेरा भी लगाएंगे तथा अन्य के मामले में मतदाता के क्रम संख्या के पास स्टार का निशान भी लगाएंगे । यदि प्रथम मतदान पदाधिकारी संबंधित मतदाता की पहचान सुनिश्चित नहीं कर पाते हो तो उसे पीठासीन पदाधिकारी के पास भेजेंगे पीठासीन अधिकारी संबंधित मतदाता की पहचान को निर्धारित करेंगे।
वहीं द्वितीय मतदान अधिकारी अमिट स्याही , मतदाता रजिस्टर ( 17 ए) एवं मतदाता पर्ची का प्रभारी होंगे। जैसे ही मतदाता द्वितीय मतदान पदाधिकारी के पास पहुंचते है तो वह मतदाता के बायें हाथ की तर्जनी अंगुली का निरीक्षण करेंगे कि कोई अमिट स्याही का चिन्ह तो नहीं। उसके बाद मतदाता रजिस्टर ( 17 ए ) के काॅलम 2 में मतदाता की मतदाता सूची का क्रमांक संख्या लिखेंगे एवं काॅलम 3 में ईपिक के लिए ईपी तथा अन्य विकल्प के आधार पर पहचान होने पर विकल्प के नम्बर का अंतिम चार अंक दर्ज करने के साथ ही संबंधित दस्तावेज का नाम भी लिखेंगे। वहीं काॅलम 4 में संबंधित मतदाता से हस्ताक्षर अथवा बायें हाथ के अंगूठा का निशान लेंगे। यदि मतदाता हस्ताक्षर करने अथवा अंगूठा का निशान देने से इंकार करते है तो उसे मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और मतदाता रजिस्टर के अभियुक्ति काॅलम में “मत करने से इंकार” लिखेंगे तथा उसके नीचे पीठासीन अधिकारी अपना हस्ताक्षर करेंगे। मतदाता से हस्ताक्षर अथवा अंगूठा का निशान लेने के बाद मतदाता के बायें हाथ की तर्जनी अंगुली के नाखून एवं त्वचा के युग्म पर अमिट स्याही लगाएंगे तथा मतदाता पर्ची तैयार कर संबंधित मतदाता को जारी करेंगे।
साथ ही तृतीय मतदान पदाधिकारियों को उनके कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि तृतीय मतदान पदाधिकारी सी० यू० (कंट्रोल यूनिट) के प्रभारी होंगे तथा वे पीठासीन पदाधिकारी के पास बैठेंगे। मतदान केन्द्र पर द्वितीय मतदान पदाधिकारी के द्वारा मतदाता को पर्ची जारी करने के उपरांत मतदाता तृतीय मतदान अधिकारी के पास पहुंचते है जहां वे सर्वप्रथम द्वितीय मतदान अधिकारी के द्वारा मतदाता के बायें हाथ की तर्जनी अंगुली पर लगाई गई अमिट स्याही के चिन्ह की जांच करेंगे और मतदाता पर्ची को मतदाता से प्राप्त कर अपने पास सुरक्षित रखेंगे।सी०यू० के बैलेट बटन को दबाकर बी०यू० ( बैलेट यूनिट ) को वोट के लिए तैयार करेंगे और संबंधित मतदाता को अपना मत डालने के लिए मतदान कक्ष में भेजेंगे साथ ही मतदान कक्ष से मतदाता के वापस लौटने पर उसके बायें हाथ की तर्जनी अंगुली पर लगी अमिट स्याही की जांच एक बार पुनः करेंगे।
इसके अलावे सभी प्रशिक्षुओं को मॉक पोल कराना ,माॅक पोल को मिटाना, मतदान हेतु ईवीएम सील कर तैयार करना, पीठासीन का रिपोर्ट, पीठासीन की घोषणा, पीठासीन की डायरी, मत-पत्र लेखा, मतदाता रजिस्टर इत्यादि प्रपत्रों के नमूनों को सभी प्रशिक्षुओं से संधारित कराया गया साथ ही मतदान केन्द्रों पर निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने हेतु मतदान के पूर्व, दरमियान एवं मतदान के पश्चात किये जाने वाले सावधानियों के साथ-साथ निविदत्त मत ,चैलैंज्ड वोट,टेस्ट वोट सहित अन्य सभी बातों की विस्तृत जानकारी दी गई ।
सभी पीठासीन पदाधिकारी, प्रथम मतदान पदाधिकारी एवं द्वितीय मतदान पदाधिकारी को प्रशिक्षण कोषांग द्वारा मतदान पदाधिकारियों के लिए मुद्रित कराई गई सहायक – पुस्तिका का वितरण किया गया वहीं प्रशिक्षण स्थल पर सभी प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षणोपरांत हैण्डस ऑन ट्रेनिंग भी कराया गया।
प्रशिक्षण में प्रशिक्षण कोषांग के शिक्षा विभाग के डीपीओ प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान मानवेन्द्र कुमार राय, डीपीओ स्थापना कुमार सत्यम, डीपीओ योजना एवं लेखा योजना नितेश कुमार
, प्रशिक्षण कोषांग के सहायक प्रशासी पदाधिकारी मनोज कुमार झा तथा जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर सुनिल कुमार महतो, मनीष चन्द्र प्रसाद, विश्वनाथ सिन्हा, अरूण कुमार, कपिलेश्वर प्रसाद सिंह, मंगलेश कुमार, अशोक कुमार, राम किशोर राय, प्रवीण कुमार सिन्हा, चन्द्रमणि कुमार, राम कुमार पासवान, अमरेन्द्र कुमार, राजीव कुमार झा, मदन प्रसाद कर्ण, विरेन्द्र झा, विनोद कुमार, कौशल कुमार, पवन कुमार शर्मा, राम दयाल सिंह, सुनील कुमार सिंह, संजीत कुमार चौधरी, विष्णुदेव राय, अमरनाथ दास, चन्द्र भूषण शर्मा, पवन कुमार साफी, मधुप कुमार, सत्यनारायण प्रसाद सिंह, मनमोहन चौधरी, राजेश कुमार, कौशल किशोर क्रांति, अविनाश कुमार, पवन शंकर भारद्वाज, सरोज कुमार झा, अशोक पासवान, राम प्रकाश साहू, सुमित कुमार, कुमार अनुशीलन, राजीव कुमार, जय कुमार, विवेकानन्द कर्मशील, मिन्टू कुमार, अमित कुमार, मो० फरहाद, मो० एजाज अहमद अंसारी, विकास कुमार, रंधीर कुमार रजक, संजय कुमार, अंजनी कुमार पाण्डेय , पवन कुमार साफी, श्याम नंदन यादव, रामबालक राय सहित अन्य जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर उपस्थित थे।