पत्रकार विजय श्रीवास्तव का निधन अपूर्णीय क्षति।
टी वी ,प्रिंट और बेव मीडिया के तीनों क्षेत्रों में थे निपुण।
श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने रखे विचार
पत्रकार विजय कुमार श्रीवास्तव के असामयिक निधन पर दरभंगा में हुई श्रद्धांजलि सभा
दरभंगा : बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन,दरभंगा के सचिव विजय कुमार श्रीवास्तव का निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। इलेक्ट्रॉनिक ,प्रिंट, वेब मीडिया पत्रकारिता के तीनों क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। आने वाली पीढ़ी पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए याद रखेगी।
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन,दरभंगा की ओर से लक्ष्मीश्वर सार्वजनिक पुस्तकालय, लालबाग में शनिवार को श्रद्धांजलि सभा की गई। इस मौके पर दरभंगा के पत्रकारों ने उनके व्यक्तित्व और पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए उनके उल्लेखनीय योगदानों को याद किया।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता यूनियन के अध्यक्ष अमरेश्वसरी चरण सिंहा ने की। उन्होंने कहा कि विजय श्रीवास्तव अपनी निडर और सटीक पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने पत्रकारिता में न केवल जोश और समर्पण दिखाया, बल्कि अपने अनुभवों से क्षेत्र के अन्य पत्रकारों का मार्गदर्शन भी किया। यूनियन के उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने उनके कार्यों को स्मरण करते हुए कहा, “विजय जी ने पत्रकारिता में सटीकता और गहराई का जो स्तर स्थापित किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगा।”
यूनियन के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने विजय श्रीवास्तव के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि दरभंगा में पत्रकारिता को उन्होंने एक नई दिशा दी। “उनकी लेखनी ने हमेशा लोगों को प्रभावित किया और समाज के विभिन्न अनछुए मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। पत्रकार शशि भूषण चौधरी ने कहा, “विजय श्रीवास्तव का असमय जाना पत्रकारिता के क्षेत्र में एक ऐसी कमी छोड़ गया है, जिसकी भरपाई करना संभव नहीं है। उन्होंने इस पेशे को एक नई परिभाषा दी।”
सभा का संचालन यूनियन के महासचिव शशि मोहन भारद्वाज कर रहे थे। उन्होंने विजय श्रीवास्तव को एक ‘चलती-फिरती संस्था’ की संज्ञा दी, जिन्होंने हमेशा अपने सहयोगियों को कुछ नया सिखाया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रकाश झा,मनोज कुमार झा,राकेश कुमार, दीपक कुमार झा,संतोष चौधरी, रवि प्रकाश, मनोज झा सहित अन्य पत्रकारों ने विजय श्रीवास्तव की स्मृतियों को नमन किया। अंत में सबों ने दो मिनट का मौन रख के उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।