*भोलेनाथ शिव भगवान धरती पर आ चुके हैं: सोनिका बहन*
उजियारपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा रेल परिसर स्थित राम जानकी हनुमान मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी के तीसरे और अंतिम दिन भी अच्छी संख्या में लोगों ने लाभ लिया।
सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर के दूसरे दिन परमात्मा के दिव्य अवतरण के बारे में बताते हुए ब्रह्माकुमारी सोनिका बहन ने कहा कि
कलियुगी अज्ञानता की घनघोर कालिमा भरी रात्रि में जब पापाचार-भ्रष्टाचार चरम पर होता है तब परमात्मा का इस सृष्टि पर दिव्य अवतरण होता है। खास भारत वर्ष में धूमधाम से मनाया जाने वाला शिवरात्रि पर्व परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण को ही रेखांकित करता है। जैसा कि गीता में वर्णन है- यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानि: भवति भारते…। भगवान का सत्य ज्ञान ही मनुष्य आत्माओं के लिए उनका सच्चा प्यार और आशीर्वाद है। वे आकर अभी व्रत, तप, दान, जागरण, उपवास का सच्चा अर्थ बताते हैं और उस अनुसार चलने की शक्ति भी मनुष्य आत्माओं को प्रदान करते हैं। परमात्मा बताते हैं कि एक दिन अन्न-जल आदि के व्रत की बात नहीं, अपितु सदा के लिए सभी प्रकार की बुराइयों से व्रत लेना है और मन-वाणी-कर्म की पवित्रता का व्रत अर्थात् दृढ़ संकल्प करना है। तप अर्थात् एक परमात्मा पिता की याद से आत्मा जो पतित बन गई, उसे पावन कंचन बनाना है। निरंतर शिवलिंग पर बूंद-बूंद कर घड़े से जल का टपकना हर संकल्प को उनकी याद में सफल करने का प्रतीक है। शिवलिंग पर भांग-धतूर -अक आदि चढ़ाते हैं। इसका अर्थ है परमात्मा शिव को अपने अंदर के मनोविकारों यानी काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार का सच्चे दिल से दान करना है। उपवास अर्थात् परमात्मा के निकट वास करना है। हमारी सर्व संबंधों से सर्वाधिक निकटता उन्हीं के साथ हो। ऐसा करने से हमारी जन्म-जन्म की मनोकामनाएं शिव भोलेनाथ भगवान पूरी करते हैं। इसी कर्तव्य के लिए अभी वह भारत भूमि पर आए हुए हैं।
सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक प्रतिदिन जारी रहेगा।