कैसे पाकिस्तानी फौजियों को दी मौत, बलोच विद्रोहियों ने दिखाया वीडियो, खौफ में 2500 जवानों का इस्तीफा
बलोचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) और पाकिस्तानी सेना के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है. अपनी आजादी की मांग को लेकर पाकिस्तान से लड़ रही BLA ने पिछले दिनों 400 यात्रियों से भरी ट्रेन को हाई जैक कर लिया था. इसके बाद पाकिस्तान सेना और BLA के जवानों में जबरदस्त एकनाउंटर देखने को मिला. इसमें पाक फौज, BLA और अगवा किए गए यात्रियों समेत 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. अब रविवार को आई एक खबर ने उस समय हैरान कर दिया जब BLA ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सेना के 90 जवानों को ढेर कर दिया है.
क्या सच में हुई 90 जवानों की मौत?
BLA ने दावा किया है कि उसने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी फौज के 90 जवानों को ढेर कर दिया है. BLA के मुताबिक उसने एक कार को बस से टक्कर मारकर मारी जिसमें बड़ी तादाद जवानों की मौत हुई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे के मुताबिक बीएलए की फिदायीन यूनिट नौशकी में आर्मी डीएस रियर ब्रिगेडियर के करीब कब्जे वाली पाकिस्तानी फौज के एक किले को फिदायीन हमला कर निशाना बनाया.’ इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं. दूसरी तरप पाकिस्तान पुलिस का कहना है कि इस हमले में 5 लोगों की मौत हुई है और 10 अन्य घायल हुए हैं.
‘एक हफ्ते में 2500 PAK फौजियों का इस्तीफा’
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती, BLA की तरफ किए जा रहे बड़े-बड़े ऑपरेशंस को लेकर पाकिस्तानी सेना के जवानों में डर पैदा हो गया है. दावा किया जा रहा है कि बड़ी तादाद में पाकिस्तानी फौजी अपनी सेवा से इस्तीफा दे रहे हैं. काबुल फ्रंटलाइन ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि एक हफ्ते में लगभग 2500 सैनिकों ने सेना से इस्तीफा दिया है. ऐसे में पाकिस्तान जो पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है, अब सुरक्षा संबंधी समस्याओं से भी घिर चुका है. कहा जा रहा है कि सैनिकों की मौत, सेना में बढ़ती असुरक्षा, और आर्थिक संकट के कारण ही वे अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं.
अरब देशों का रुख कर रहे हैं सैनिक
रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर फौजी सैनिक खाड़ी देशों जैसे सऊदी अरब, कतर, कुवैत और यूएई में काम करने जा रहे हैं, क्योंकि वे वहां वित्तीय सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं, न कि अपनी जान को खतरे में डालने का जोखिम उठाने के लिए. यह स्थिति पाकिस्तान की सेना के लिए गंभीर है. सैनिकों की मानसिक स्थिति और सुरक्षा हालात में गिरावट की वजह से वे लड़ाई में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके अलावा सैनिकों का भारी तादाद में सेना छोड़ना यह सवाल भी उठाता है कि क्या सेना की ताकत पर इसका असर पड़ेगा.






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