हिमाचल और उत्तराखंड के तीन पहाड़ी क्षेत्रों में आज भी बहुपति परंपरा है
भारत में दो राज्य ऐसे हैं, जहां बहुपति की परंपरा आज भी कायम है। ये दो राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश हैं। हिमाचल और उत्तराखंड के तीन पहाड़ी क्षेत्रों में आज भी बहुपति परंपरा है। इसमें उत्तराखंड का जौनसार बावर, हिमाचल प्रदेश का किन्नौर और जिला सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र शामिल हैं। ये तीनों क्षेत्र अपनी सदियों पुरानी परंपराओं के लिए अकसर देशभर में सुर्खियों में रहते हैं।
इन दिनों भी जिला सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र एक बार फिर इंटरनेट मीडिया में सुर्खियों में है। जिसका कारण है दो सगे भाइयों द्वारा एक ही लड़की के साथ शादी करना। गिरीपार क्षेत्र के दो सगे भाइयों ने एक ही लड़की से शादी की है। दुल्हन का कहना है कि ऐसा उसने अपनी इच्छा से किया है व उसे कोई आपत्ति नहीं है। यह उनकी परंपरा का हिस्सा है। बताया जा रहा है एक दूल्हा जलशक्ति विभाग में सरकारी नौकरी करता है व दूसरा विदेश में नौकरी करता है।
जिला सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र एक समय तक काफी दुर्गम तथा पिछड़ा हुआ क्षेत्र था। लेकिन यहां के लोगों की सोच बड़ी थी। बहु पत्नी तथा बहुपति रखने के पीछे यहां के लोगों की सोच थी कि अगर दो या तीन भाई एक महिला से शादी करते हैं। तो एक उनका भाईचारा बना रहेगा, दूसरा उनकी जो पैतृक संपत्ति है, उसका भी बंटवारा नहीं होगा। तीसरा जो एक महिला से दो या तीन भाइयों की संतान होंगी, वह अपने को सगे ही समझेंगे। उनकी सोच थी कि ऐसा करने से जनसंख्या भी नियंत्रित रहेगी। ये लोग खुद को पांडवों से भी जोड़ते हैं। पांच पांडव भाइयों की भी एक पत्नी थी। ये लोग भी ऐसा कर सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हैं।
जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में बहुपति के साथ बहुपत्नी की प्रथा भी सदियों पुरानी है। कई ऐसे मामले हैं, जब व्यक्ति ने पत्नी की सगी बहनों से भी शादी कर ली है। ऐसा तब ज्यादा हुआ है, जब महिला को बच्चा न हो तो व्यक्ति उसकी बहन से शादी कर लेता है। दूसरी शादी करके वह पहली पत्नी को नहीं छोड़ता, बल्कि उसे भी साथ ही रखता है।
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